कविता : देशांतर-2

 अल्मोग बेहार की कविताएं

 (अल्मोग बेहार (जन्म 1978) इज़राइल के युवा कवि, कहानीकार और लेखक हैं। उनके लेखन में इज़राइल  के अंदर भाषा और संस्कृति के स्तर पर विभिन्न प्रकार की पृष्ठभूमि से आये लोगों, विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों के इतिहास के साथ इज़राइल  पहुंचे लोगों की आशंकाओं और तनावों की अभिव्यक्ति दिखायी देती है। अल्मोग स्वयं यहूदी हैं और इज़राइल  में उनका जन्म हुआ है लेकिन उनके माता-पिता और पूर्वजों की संस्कृति इराक़, तुर्की और जर्मनी से जुड़ी हुई है—अनु.)

                      

                               1. ईश्वर के बारे में बच्चे से बातचीत

 

मैंने ईश्वर के बारे में अपने बच्चे को तबतक नहीं बताया,

जब तक वह तीन साल का नहीं हो गया,

मुझे लगा कहीं वह डर न जाये।

जब तीन साल का हो गया मेरा बेटा

मैंने ईश्वर से करवाया उसका परिचय।

ये मेरे भगवान हैं- मैंने बेटे से कहा।

यह मेरा बेटा है- मैंने अपने ईश्वर से कहा।

उन्होंने एक दूसरे के बारे में पूछे सवाल।

मेरे बेटे ने पूछा-

क्या आपका ईश्वर हमारा कोई संबंधी है जैसे-

हमारे दादाजी या चाचा?

नहीं, ऐसा नहीं है, मैंने बेटे को बताया।

मेरे भगवान ने पूछा-

तुम्हारे बेटे का नाम क्या है? मैंने कहा उसके कई नाम हैं-

जैसै मीठा और मिट्ठू, दुलारा और दुलदुल,

प्यारा और पीहू।

मेरे बेटे ने पूछा- आपके भगवान का क्या है नाम?

मैंने कहा उनके हैं अनेक नाम- वे पिता हैं हमारे, हमारे मालिक, धन्य हो उनका नाम-

दुनिया के स्वामी, परमपिता परमेश्वर और भगवान।

मेरे भगवान ने कहना शुरू किया, ‘तुम्हारा बेटा, इकलौता बेटा, प्यार करते हो जिसे तुम…’

मैंने दिखाया जैसे सुना ही नहीं मैंने।

मेरे बेटे ने पूछा- किसे ज्यादा प्यार करते हैं आप?

और मैं ख़ुश हो गया कि उसके मुंह से निकला था शब्द प्यार

मैंने तुरंत हटाया उसका ध्यान-

दिखाया आसमान में उड़ता हवाई जहाज़,

और घास में सरकता गुबरैला।

मैंने उससे नहीं कहा कि ये सब बनाये हैं भगवान ने,

बस इतना कहा, सुंदर, है न?

 

                          2. पांच अर्थों वाली कविता

 

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मैं रोशनाई से लिखी कविताओं के बदले

ख़रीदता हूं काग़ज़ी दया,

और माफ़ी मांगता हूं डूबते सूरज से

जो चमक रहा है मेरी शुष्क गर्दन के पीछे।

मैं जोड़ता हूं ध्वनियां जिनका सिर्फ़ हिब्रू में होता है अर्थ

अपने पास आते तुम्हारे रास्ते की

काग़ज़ पर हिज्जे लगाने की करता हूं कोशिश।

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मेरे दिल का दर्द मेरे दिल का हिस्सा-

ठीक वैसे ही जैसे मेरे दिल की ख़ुशी है मेरे दिल का हिस्सा,

ठीक वैसे ही जैसे खोये हुए आंसू हैं मेरी रुलाई का हिस्सा

हिब्रू में सूखी नदी को भी नदी कहते हैं।

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किसी अवसादग्रस्त यूनानी कवि ने पता लगाया था-

जगे हुए पुरुष एक सी दुनिया में होते हैं, एक साथ

और जब वे सोते हैं तो चले जाते हैं अपनी अपनी दुनिया में

और मैं अपने सपने में था तुम्हारे साथ,

जगा तो था अकेला।

()

किसी चीनी संत ने सिखाया है-

जिन्हें हमें फेंकना होता है ज़रूरी,

वे होती हैं बड़ी इकट्ठा करने वाली चीज़ों से,

क्योंकि जो भूल जाते हैं वे करते हैं इकट्ठा,

और जो याद करते हैं - फेंक देते हैं वे।

और मैंने उनसे कुछ भी नहीं सीखा।

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इकलिएस्टिएस ने कहा था- स्मृति नहीं होती

और मैंने जब से इसे पढ़ा

मेरी ज़िंदगी से कभी नहीं जुदा हुआ यह वाक्य।

अनुवाद : राजेश  झा

मो. 9810216943

 

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